हरिद्वार। जिलाधिकारी हरिद्वार की अध्यक्षता में शासी परिषद की बैठक संपन्न हुई। बैठक में जनपद के विकास से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें क्रियान्वित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जनपद के माननीय विधायकगणों रानीपुर से श्री आदेश चौहान, पीरान कलियर से श्री फुरकान अहमद, ग्रामीण क्षेत्र से श्रीमती अनुपमा रावत, लक्सर से श्री शहजाद, झबरेड़ा से श्री वीरेंद्र जाती, ज्वालापुर से श्री रवि बहादुर, भगवानपुर से श्रीमती ममता राकेश की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इसके अतिरिक्त, बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोंडे, जिला खनन अधिकारी श्री काजिम रज़ा और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान कुल 8 करोड़ 88 लाख रुपये की योजनाओं को स्वीकृति दी गई, जिनसे जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्यों को गति मिलेगी। जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देश पर हरिद्वार में शिक्षा, बुनियादी ढांचे और अन्य क्षेत्रों में तेजी से सुधार हो रहा है।
बैठक में खनन न्यास निधि के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय, सलियर को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। विद्यालय में स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक उपकरण, और उन्नत सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की सोच और खनन न्यास की सहायता से हरिद्वार के अन्य विद्यालयों की स्थिति में भी सुधार किया जाएगा। ग्राम भोगपुर में फतवा के निकट गंगा नदी में कटाव को रोकने के लिए स्पर निर्माण कार्य को प्राथमिकता दी गई। इस परियोजना से आसपास के क्षेत्रों को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी।
बैठक में जनपद के लिए सोलानी नदी में कटाव रोकने हेतु सुरक्षा कार्यों को मंजूरी दी गई। यह कदम नदी तट के क्षेत्रों को संरक्षित करने और बाढ़ के खतरे को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है। विधानसभा क्षेत्रों में हैंडपंप लगाने और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट लगाने की योजनाओं पर तेजी से कार्य करने का निर्णय लिये गये।
बैठक में जनपद की सड़कों की स्थिति पर चर्चा हुई। नई सड़कों के निर्माण और पुरानी सड़कों की मरम्मत के लिए आवश्यक बजट स्वीकृति और कार्य योजना तैयार है।
बैठक में सभी सदस्यों ने विकास कार्यों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन की प्रतिबद्धता व्यक्त की। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हरिद्वार में शिक्षा और बुनियादी ढांचे में सुधार की दिशा में यह बैठक एक और महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।