*पूज्य स्वामी जी से भेंट कर विभिन्न समसामयिक घटनाओं पर किया विचार विमर्श*

*स्वामी जी ने गंगा जी की आरती के दौरान सभी को अपनी धरती को थोड़ा और हरा-भरा बनाने के लिए पौधा रोपण करने हेतु किया प्रेरित*

ऋषिकेश। पूर्व मानव संसाधन विकास (उच्च शिक्षा) राज्य मंत्री, पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त व भाजपा सांसद श्री सत्यपाल सिंह जी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती अलका सिंह जी परमार्थ निकेेतन आये। उन्होंने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से भेंट कर उनके पावन सान्निध्य में परमार्थ गंगा आरती में सहभाग किया। साध्वी भगवती सरस्वती जी अपनी दो माह कि विदेश यात्रा के पश्चात आज परमार्थ निकेतन पधारी।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और श्री सत्यपाल सिंह जी ने पर्यावरण व नदियों के संरक्षण हेतु युवाओं की भूमिका सहित कई समसामयिक विषयों पर चर्चा की। उन्होंने गुणवत्ता परक और मूल्यों पर आधारित शिक्षा प्रणाली से युवाओं को शिक्षित करने पर जोर दिया।

स्वामी जी ने चर्चा के दौरान महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार, सामाजिक समानता, समाज में प्रतिनिधित्व, आर्थिक स्वतंत्रता, लैंगिक भेदभाव, महिलाओं को समान अवसर प्रदान करने आदि विषयों पर विशद् चिंतन-मंथन किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि युवाओं के पास जोश है उन्हें दिशा प्रदान करने के लिये भारतीय संस्कृति व संस्कारों से जोड़ना होगा। हम एक ऐसी दुनिया की कल्पना करते हैं, जहां युवा अपने कौशल और योग्यता को विकसित कर सकारात्मक दृष्टिकोण का निर्माण कर सकें तथा सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपने वर्तमान और भविष्य की ओर बढ़ सकंे। साथ ही अपने समुदाय में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिये एक सक्रिय एवं सशक्त नागरिक के रूप में आगे आयें। साथ ही जीवन में आने वाली उन सभी समस्याओं एवं चुनौतियों का समाधान कर सकंे, जिनका सामना वे और उनका समाज प्रतिदिन करता है और इस हेतु उन्हें भारतीय संस्कृति, मूल व मूल्यों को आत्मसात करने के लिये प्रेरित करना होगा।

श्री सत्यपाल सिंह जी ने कहा कि वर्तमान समय में युवा डिजिटल संस्कृति से बहुत अधिक प्रभावित है। आज की युवा संस्कृति डिजिटल क्रांति के साथ जुड़ी है। वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों का उपयोग करके अपने विचारों, अनुभवों, और आकांक्षाओं को साझा करते हैं। युवाओं को अपनी संस्कृति, मूल, मूल्यों, आदर्शों से जोड़ने व उसके महत्व को समझाने के लिये डिजिटल क्रान्ति को ही अपनाना होगा। पूज्य स्वामी जी प्रतिदिन गंगा आरती के माध्यम से समाज, राष्ट्र, संस्कृति, प्रकृति व पर्यावरण के विषय में गंगा आरती के माध्यम से संदेश देते हैं और यह संदेश सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से प्रसारित किया जाता है जिसका व्यापक प्रभाव पड़ता है। वे अपने विचारों और चिंतन के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। स्वामी जी, युवाओं को भारतीय संस्कृति के मूल्यों को समझने, उन्हें अपनाने और आगे बढ़ाने के लिए प्रतिदिन गंगा आरती के माध्यम से प्रेरित करते हैं वास्तव में यह अद्भुत प्रयास है।

उन्होंने कहा कि हम सभी को शान्ति चाहिये, हम कोई भी मंत्र बोलते है तो तीन बार शान्ति, शान्ति, शान्ति बोलते है अर्थात हमें तीन प्रकार की शान्ति चाहिये। प्रथम शान्ति – शारीरिक शान्ति, आन्तरिक शान्ति और प्राकृतिक शान्ति। हमें शान्ति चाहिये तो प्राकृतिक संसाधनों का आदर करना होगा। स्वामी जी ने श्री सत्यपाल सिंह जी को रूद्राक्ष का पौधा माँ गंगा के आशीर्वाद स्वरूप भेंट किया।

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