-डॉक्टर हमारे समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ : स्वामी चिदानन्द सरस्वती
ऋषिकेश/नई दिल्ली। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और कानून व न्याय मंत्री, भारत सरकार श्री अर्जुन राम मेघवाल जी की नई दिल्ली में उनके आवास पर शिष्टाचार भेंटवार्ता हुई। स्वामी जी ने उन्हें भारत के कानून व न्याय मंत्री का पदभार ग्रहण करने पर अपनी मंगलकामनायें भेंट की।
माननीय मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल जी और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती पाना देवी ने पूज्य स्वामी जी का अभिनन्दन करते हुये अपने हाथों से बनाया ’श्रीराम’ की अद्भुत कृति एवं अंगवस्त्र भेंट किया। श्रीमती पाना देवी ने बताया कि वे अपने गावों की संस्कृति को जीवंत व जागृत बनाये रखने के लिये अपने हाथों से बनायी श्रीराम की अद्भुत कृति अतिथियों को भेंट करती हैं। स्वामी जी ने कहा कि यही तो वास्तव मे लोकल के लिये ओकल होना है। अपनी संस्कृति व संस्कारों को जीवंत बनाये रखना आज की सबसे बड़ी जरूरत भी है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने इस दौरान बंगाल में डॉक्टर बेटी के साथ हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुये कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने होंगे क्योंकि हमारी बेटियाँ अपने वर्किंग स्थलों पर भी सुरक्षित नहीं हैं। वर्किंग स्थल हो या वाकिंग स्थल हो सभी स्थानों पर वें सुरक्षित रह सकें और हर जगह सुरक्षा का अनुभव कर सके।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि सूचनाओं के अनुसार जानकारी मिली कि डाक्टर बेटी 36 घंटे से लगातार अपनी सेवायें प्रदान कर रही थी। वास्तव में 36 घंटे लगातार काम करना काम नहीं बल्कि जिम्मेदारी है और जिम्मेदारी में भी कितनी बड़ी जवाबदेही है कि बिना थके काम करते रहना। वह बेटी अपनी जिम्मेदारी निभा रही थी और उसके साथ इतना अमानवीय कृत्य होना, यह सोच कर ही आत्मा हिला जाती है।
स्वामी जी ने डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के महत्व पर जोर देते हुये कहा, “डॉक्टर हमारे समाज के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सरकार पूर्ण प्रयास कर रही है लेकिन अब इसे और गंभिरता से लेना होगा ।” विगत 20 दिनों से न केवल ट्रेनी डाक्टर्स, डाक्टर बेटी का परिवार बल्कि पूरा देश इस जघन्य अपराध के पीछे जो भी लोग हैं, उनकी मंशा क्या है तथा उस डाक्टर बेटी को न्याय मिले इसकी राह देख रहे हैं।
स्वामी जी ने कहा कि सरकार व समाज दोनों को इस विषय को गंभीरता से लेना होगा। ऐसे अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता इसलिये सरकार को ऐसे सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है जो डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सके और ऐसी घटनाओं को रोक सके।” यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि डॉक्टरों को उनके कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल मिले क्योंकि वे ही तनाव व असुरक्षित माहौल में होंगे तो रोगियों की सेवा व चिकित्सा कैसे कर सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिये। साथ ही उन्होंने समाज में डॉक्टरों के प्रति सम्मान और उनकी सुरक्षा के महत्व पर जन जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।