हरिद्वार: राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी (स्था0नि0) धीराज सिंह गर्ब्याल ने अवगत कराया है कि राज्य की समस्त नगर निकायों की मतदाता सूची में कई मतदाताओं के नाम दर्ज न होने तक मतदाता सूची में अंकित नामों में कई त्रुटियां होने की सम्भावना है, उन्होंने यह भी अवगत कराया कि पूरक उपबन्ध आदेश 1999 के प्रस्तर-4 एवं प्रस्तर-5 प्राविधान है कि प्रस्तर 04 में प्राविधान है कि नामावली में लिपिकीय या मुद्रक की त्रुटि ठीक कराना, निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारी नामवली में लिपिकीय से मुद्रण की किसी त्रुटि का आवेदन से या अन्यथा पता चलने उसे ठीक कर सकता है। प्रस्तर-5 में नामावली में छूटे नाम सम्मिलित किया जाना, यदि किसी नामावली में बहुत से निर्वाचकों के नाम छूट जाने की शिकायत प्राप्त होती है तो जिला मजिस्ट्रेट, निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारी के माध्यम से जांच करायेंगे, यदि नामावली की जांच सत्य पायी जाती है तो निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारी अपनी जांच रिपोर्ट और संस्तुति जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से आयोग को भेजेंगे और यदि आयोग ऐसा आदेश दे तो नामावली में ऐसे निर्वाचकों के नाम सम्मिलित किये जायेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने समस्त उपजिलाधिकारी/समस्त निर्वाचक रजिस्ट्रकरण अधिकारी नगर निकायों को निर्देश दिये कि अपनी निकायों से संबंधित प्रत्येक वार्डो में 7 दिनों के लिए विशेष शिविर का आयोजन कर उत्तर प्रदेश नगर निकाय (निर्वाचक नामावली का तैयार किया जाना पुनरीक्षण है) पूरक उपबंध आदेश, 1999 (उत्तराखण्ड में यथा प्रवत्त) के प्रस्तर-4 एवं प्रस्तर-5 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार कार्यवाही पूर्ण करते हुए संस्तुति सहित औचित्यपूर्ण प्रस्ताव जिला निर्वाचन अधिकारी (स्था0नि0) हरिद्वार को आठवे दिन प्रेषित करेंगे, उसके बाद ही जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी (स्था0नि0) की ओर से प्रस्ताव आयोग के अवलोकनार्थ प्रेषित किया जायेगा।
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