श्री गीता आश्रम में गीता जयंती कार्यक्रम श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर आश्रम में श्री गीता जी के 18 अध्याय का संपूर्ण पाठ सामूहिक रूप से किया गया। इसके उपरांत गीता गायत्री यज्ञ संपन्न हुआ। इसमें आश्रम वासियों ने यज्ञ में आहुति दी। भजन कीर्तन के उपरांत प्रसाद वितरण हुआ। कार्यक्रम का संचालन भानु मित्र शर्मा द्वारा किया गया। आश्रम प्रबंधक चंद्र मित्र शुक्ला, गीता चैतन्य आदि ने इस अवसर पर गीता के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गीता हमारे जीवन में आध्यात्मिक की प्रेरणा देती है। मनुष्य को सत्कर्म करने का मार्ग दिखती है। भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि गीता में ह्रदय पार्थ गीता मेरा हृदय है। अन्य वक्ताओं ने भी गीता जयंती पर श्रीमद् भागवत गीता के महत्व को बताया। ट्रस्ट अध्यक्ष डॉ. दीपक गुप्ता ने अपने संदेश में कहा आश्रम संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी वेदव्यासानंद सरस्वती जी ने गीता का प्रचार प्रसार किया और गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया। भानुमित्र शर्मा ने कहा कि गीता जयंती पर हम सबको गीता पाठ का संकल्प लेना चाहिए। गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचने का प्रयास अत्यंत आवश्यक है। उपस्थित महानुभावों में पंडित उदय राम, गीता चैतन्य, प्रेम प्रसाद, नीरज शास्त्री, राजेंद्र चौहान, विमल बधावन, त्रिभुवन उपाध्याय, लक्ष्मण पुंडीर, प्रमिला शाह आदि अनेक महानुभाव उपस्थित थे। कार्यक्रम के उपरांत आरती एवं प्रसाद वितरण संपन्न हुआ।

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