हरिद्वार। श्रद्धा और आस्था से मिली एक राख की चुटकी बदल रही श्रद्धालुओं की किस्मत हरिद्वार श्यामपुर स्थित श्री श्याम वैकुंठ धाम मे लगा बालाजी का दरबार भक्तों की आस्था का सैलाब उमडा श्री श्याम वैकुंठ धाम के परमाध्यक्ष श्री महंत श्यामसुंदर दास जी महाराज द्वारा श्री बालाजी दरबार में राम नाम की विभूति देते हुए भक्तजनों को कहा भक्तों की आस्था और विश्वास ही उन्हें सुख समृद्धि की ओर ले जाता है अपने आराध्य बालाजी भगवान के ऊपर विश्वास कर मेरे द्वारा उन्हें प्रदान की जाने वाली एक चुटकी राख उनके जीवन के संताप दुख दर्द कष्ट दूर कर देती है यह सब बालाजी महाराज की कृपा है भक्ति में ही शक्ति विद्यमान है भक्तों का विश्वास और आस्था भगवान के चरणों में विश्वास उनके मनोरथ पूर्ण करता है भक्ति में ही शक्ति है आपकी आस्था और भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा उन पर ईश्वर की कृपा का माध्यम होती है बिना आस्था विश्वास के कोई कार्य सिद्ध नहीं होता अगर आपके मन में सच्ची श्रद्धा है सच्ची आस्था है सच्चा विश्वास है तो आपके जीवन के बड़े से बड़े कष्ट भी राम नाम की एक चुटकी विभूति हर लेगी इस अवसर पर बोलते हुए परम पूज्य व्यवस्थापक श्री दयालु जी महाराज ने कहा संत महापुरुषों का कार्य समाज का मार्गदर्शन करना है समाज को सही दिशा दिखाना है उन्हें भजन कीर्तन और सत्संग के माध्यम से कल्याण के मार्ग पर ले जाना है बालाजी भगवान उन सभी भक्तों के कष्ट हर लेते हैं जो सच्ची आस्था लेकर दरबार में आते हैं विश्वास आस्था और श्रद्धा को ही चमत्कार कहा जाता है जब तक आपको किसी भी देवी देवता या दरबार पर विश्वास नहीं तब तक आप संकट मुक्त नहीं हो सकते किंतु जब आप एक चुटकी राख अपने आराध्य का प्रसाद मानकर उसे सच्ची आस्था और श्रद्धा के साथ ग्रहण कर ले तो कैंसर सहित अनेकों व्याधियों ऊपरी हवा बाधा बड़े से बड़ा रोग भी छूमंतर हो जाता है इसलिए हे भक्तजनों ईश्वर में आस्था गुरु के चरणों में विश्वास ही आपको संकट मुक्त करता है क्योंकि गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भवसागर की नैया के गुरु ही तारणहार इस अवसर पर अनेको ऐसे भक्तगण भी पधारे थे जो बालाजी के दरबार का जीता जागता चमत्कार का उदाहरण है दिल्ली से पधारे एक भक्त ने बताया की शादी के 12 वर्ष बाद तक भी उसे कोई संतान नहीं हुई जब वह सभापुर स्थित बालाजी के दरबार गया महाराज जी ने राम नाम की एक चुटकी विभूति उन्हें प्रसाद स्वरूप दी और वह आज दो-दो संतानों का पिता है उसकी एक 14 वर्षीय पुत्री तथा एक 9 वर्षीय पुत्री तथा उनकी पत्नी दरबार में पधारी हुई थी उसी के साथ कांगड़ी के रहने वाले एक नवयुवक ने बताया की उसकी बहन शरीर से पूरी तरह निशक्त हो गई थी डॉक्टर ने जवाब दे दिया था तथा चलने फिरने से लाचार थी गुरु जी ने उसे एक चुटकी राख की राम नाम की विभूति की थी आज वह खुशहाल स्वस्थ जीवन जी रही है मैंने गुरु जी के चमत्कार को अपने आंखों से देखा है इसी के साथ एक भक्त ने बताया कि मैं बहुत ही गरीब था मैने गुरु जी के दरबार में अर्जी लगाई विश्वास के साथ माथा टेका आज मेरे घर भी है खुशहाल परिवार है तथा दो-दो तीन-तीन गाड़ियां हैं बालाजी महाराज के श्री चरणों में राम नाम की शक्ति विद्यमान है जो भी सच्ची श्रद्धा के साथ आता है वह अपनी खुशियों की झोली भरकर हंसता गाता अपने घर को जाता है।